अइमुत्ता मुनि सज्झाय | Aimutta Muni Sajjay
Sajjay
Lyrics of Aimutta Muni Sajjay by Stavan.co
संयम रंगे रंग्यु जीवन, नानो बालकुमार
वंदो अइमुत्ता अणगार...वंदो....
गौतम स्वामी गोचरी जावे, नाना बालकने मन भावे,
प्रेम थकी निज घेर बोलावे, भाव धरी मोदक वहोरावे,
मारे पण गौतम सम थावू, एम करे विचार...वंदो... ।।2।।
मननी ईच्छा पूरी कीधी, मातपितानी आज्ञा लीधी,
राज्यतणी ऋद्धिने छोडी, गौतम पासे दिक्षा लीधी,
रहे उमंगे नी संगे वहेता संयम भार ...वंदो....
तलावडी जलनी एक आवी, बालमुनिने मन बहु भावी,
पात्र तणी नौका खेलावी, गुरुने देखी लज्जा आवी,
अणघटतुं कारज कीधु नें, पाम्या क्षोभ अपार...वंदो...
समवसरणमा प्रभुजी सामे, इरियावही पडिक्कमी प्रमाणे,
चार कर्मनी गति विरामे, केवल ज्ञान तिहां मुनि पामे,
देव देवी सह उत्सव करता, वत्यों जयजयकार ...वंदो..
क्षणमा सघला कर्म खपाव्या, एवा अईमुत्ता मुनिराया
भव्यजीवोने बोध पमाडी, अंते मुक्तिपुरी सीधाव्या
ज्ञान विमल कहे मुनिने वंदे, थाये बडो पार ...वंदो...
© Stavan.co
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