भगवान तुम्हे मैं खत लिखती | Bhagwan Tujhe Mai Khat Likhta
Sunil Parekh
Stavan
Lyrics of Bhagwan Tujhe Mai Khat Likhta by Stavan.co
भगवान तुम्हे मैं खत लिखती पर पता मुझे मालूम नहीं,
दुःख भी लिखती सुख भी लिखती पर पता मुझे मालुम नहीं,
भगवान तुम्हे मैं खत लिखती पर पता मुझे मालूम नहीं,
सूरज से पूछा चंदा से पूछा पूछा टीम टीम तारो से,
इन सब ने कहा अम्बर में है पर पता मुझे मालुम नहीं,
भगवान तुम्हे मैं खत लिखती पर पता मुझे मालूम नहीं,
फूलो से पूछा कलियों से पुछया पूछा भाग के माली से,
इन सब ने कहा हर डाल पे है पर पता मुझे मालुम नहीं,
भगवान तुम्हे मैं खत लिखती पर पता मुझे मालूम नहीं,
नदियों से पूछा लेहरो से पूछा पूछा बेह्ते झरनो से
झरनो से कहा सागर में है पर पता मुझे मालुम नहीं,
भगवान तुम्हे मैं खत लिखती पर पता मुझे मालूम नहीं,
इन्से पुछा,उनसे पुछा, पूछा दुनिया के लोगो से,
उन सब ने कहा हिरदये में है पर तुम्हने कभी ढूंढा ही नहीं,
भगवान तुम्हे मैं खत लिखती पर पता मुझे मालूम नहीं,
© JainGuruGanesh
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