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Diksha Divas Ratnakar Suriji M.S

दीक्षा दिवस रत्नाकर सुरीजी म. स | Diksha Divas Ratnakar Suriji M.S

Vicky D Parekh

Diksha | Stavan

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Lyrics of Diksha Divas Ratnakar Suriji M.S by Stavan.co

दिन आया आज सुहाना है

सैय्यम का पथ ये सजाना है (२)

गुरुवार के महाव्रत का

साल ये चालीसवां आया है


रत्नाकर सूरीश्वरजी जी को

कोटि वंदन हमारा है

इस धर्म की अम्बर का वो

स्वयं प्रकाशी तारा है


हो हो हो हो हो

लाला लाला ला ला ला...


धवल वेश स्वीकारा मोहो को त्यागा

के बन गया उजला दर्पण (२)

करे मिभनते पाया छोड़दी माया

की हो गया जीवन रोशन

भक्ति सरगम गाए ये मन

है बधाई हमारी

रहे कृपानित हम पर तेरी

यही है आस हमारी

आत्मा की उज्वल आभा से

करुणा का द्वीप जलाया है

गुरुवार के महाव्रत का

साल ये चालीसवां आया है

रत्नाकर सूरीश्वरजी जी को

कोटि वंदन हमारा है


शासन के हो प्रभारी तुम सदा चारी

हो सागर वर गंभीरा

तपकी ज्योत जलाई

ऐसे रंग लाई

तो उसकी बन गयी ज्वाला

है जहाँ सारा ये रोशन

तेज ऐसा तेरा

कर्म और धर्म का लक्ष्य उज्वल तेरा


प्रभुवर के कृपा से हमने

आज इस भाग्य को पाया है

गुरुवार के महाव्रत का

साल ये चालीसवां आया है

रत्नाकर सूरीश्वरजी जी को

कोटि वंदन हमारा है

© Vicky D Parekh

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