जहाँ नेमी के चरण पड़े | Jahan Nemi Ke Charan Pade
Bollywood | Stavan
Lyrics of Jahan Nemi Ke Charan Pade by Stavan.co
जहाँ नेमी के चरण पड़े, गिरनार वो धरती है
वो प्रेम मूर्ती राजूल, उस पथ पर चलती है
उस कोमल काया पर, हल्दी का रंग चदा
मेहंदी भी रुचीर रची, गले मंगल सुत्र पड़ा
पर मांग ना भर पायी, ये बात ही खलती है ॥ जहाँ ॥
सुन पशुओं का क्रुन्दन, तुमने तोड़े बंधन
जागा वैराग्य तभी, पा ली प्रभु पथ पावन
उस परम वैरागी से, चिर प्रीत उमड़ती है ॥ जहाँ ॥
राजूल की आंखों से, झर झर झरता पानी
अन्तर में घाव भरे, प्रभु दर्श की दीवानी
मन मन्दिर में जिसकी, तस्वीर उभरती है ॥ जहाँ ॥
नेमी जिस और गये, वही मेरा ठिकाना है
जीवन की यात्रा का, वो पथ अनजाना है
लख चरण चंद्र प्रभु के, राजूल कब रूकती है ॥ जहाँ ॥
© Jain Sargam
Listen to Jahan Nemi Ke Charan Pade now!
Over 10k people are enjoying background music and other features offered by Stavan. Try them now!
Contribute to the biggest Jain's music catalog
Over 10k people from around the world contribute to creating the largest catalog of lyrics ever. How cool is that?
दान करे (Donate now)
हम पूजा, आरती, जीव दया, मंदिर निर्माण, एवं जरूरतमंदो को समय समय पर दान करते ह। आप हमसे जुड़कर इसका हिस्सा बन सकते ह।