पारस प्यारा लागो | Paras Pyara Lago
Sandeep Bohra
Stavan
Lyrics of Paras Pyara Lago by Stavan.co
पारस प्यारा लागो, चँवलेश्वर प्यारा लागो ।
थांकी बांकडली झाड्यां में, गैलो भूल्यो जी म्हारा पारसजी,
म्हैं रस्तो कियां पावांला॥ पारस प्यारा … ॥
अब डर लागे छै म्हाने, हर बार पुकारां थांने ।
थांका पर्वत रा जंगल में, सिंह धडूके हो चँवलेश्वर जी,
म्हैं रस्तो कियां पावांला॥ पारस प्यारा … ॥
थे राग द्वेष न त्यागा, म्है आया भाग्या भाग्या ।
थांका पर्वत री भाटा की, ठोकर लागी हो चँवलेश्वर जी,
म्हैं रस्तो कियां पावांला॥ पारस प्यारा … ॥
म्हे अजमेर शहर से चाल्या, थांका ऊंचा देख्या माला ।
म्हाने पेड्या पेड्या चढवो, प्यारो लागे हो चँवलेश्वर जी,
म्हैं रस्तो कियां पावांला॥ पारस प्यारा … ॥
Extra
थांका विशाल दर्शन पाया, जद तन मन से हरषाया ।
थांकी छतरी की तो शोभा, न्यारी लागे हो चँवलेश्वर जी,
म्हैं रस्तो कियां पावांला॥ पारस प्यारा … ॥
थे झूंठ बोलबो छोडो, और धर्म सूं नातो जोडो ।
म्हारी बांकडली झाड्यां में, गैलो पावो जी म्हारा सेवक जी,
थे सीधो रस्तो पावोला॥ पारस प्यारा … ॥
© Stavan.co
Listen to Paras Pyara Lago now!
Over 10k people are enjoying background music and other features offered by Stavan. Try them now!
Contribute to the biggest Jain's music catalog
Over 10k people from around the world contribute to creating the largest catalog of lyrics ever. How cool is that?
दान करे (Donate now)
हम पूजा, आरती, जीव दया, मंदिर निर्माण, एवं जरूरतमंदो को समय समय पर दान करते ह। आप हमसे जुड़कर इसका हिस्सा बन सकते ह।