पार्श्वनाथ स्तोत्र (नरेन्द्रं फणीन्द्रं) | Parshwanath Stotra (Narendran Fanindran)
Ravindra Jain
Stotra
Lyrics of Parshwanath Stotra (Narendran Fanindran) by Stavan.co
नरेन्द्रं फणीन्द्रं सुरेन्द्रं अधीशं,
शतेन्द्रं सु पूजैं भजै नाय शीशं ॥
मुनीन्द्रं गणेन्द्रं नमो जोडि हाथं,
नमो देव देवं सदापार्श्वनाथ। ॥1॥
गजेन्द्रं मृगेन्द्रं गह्यो तू छुड़ावै,
महा आगतैं नागतैं तु बचावै॥
महावीरतैं युध्द में तू जितावै,
महा रोगतैं बंधतैं तू छुड़ावै ॥2॥
दु:खी दु:खहर्ता सुखी सुक्खकर्ता,
सदा सेवकों को महानन्द भर्ता ॥
हरे यक्ष राक्षस भूतं पिशाचं,
विषं डांकिनी विघ्न के भय अवाचं ॥3॥
दरिद्रीन को द्रव्यकेदान दीने,
अपुत्रीन को तू भलेपुत्र कीने ॥
महासंकटो सेनिकारै विधाता,
सबै सम्पदा सर्व को देहि दाता ॥4॥
महाचोर को वज्रको भय निवारै,
महापौन के पुँजतै तू उबारैं ॥
महाक्रोध की अग्नि को मेघ धारा,
महा लाभ-शैलेश को वज्र भारा ॥5॥
महा मोह अंधेरेकोज्ञान भानं,
महा कर्म कांतार को दौ प्रधानं ॥
किये नाग नागिन अधेलोक स्वामी,
हरयो मान तू दैत्य को हो अकामी ॥6॥
तुही कल्पवृक्षं तुही काम धेनं,
तुही दिव्य चिंतामणी नाग एनं ॥
पशू नर्क के दु:खतैं तू छुडावैं,
महास्वर्गतैं मुक्ति मैं तू बसावै ॥7॥
करै लोह को हेम पाषाण नामी,
रटै नामसौं क्यों न हो मोक्षगामी ॥
करै सेव ताकी करैं देव सेवा,
सुन बैन सोही लहै ज्ञान मेवा ॥8॥
जपै जाप ताको नहीं पाप लागैं,
धरे ध्यानताके सबै दोष भागै ॥
बिना तोहि जाने धरे भव घनेरे,
तुम्हारी कृपा तैं सरैं काज मेरे ॥9॥
दोहा
गणधर इन्द्र न कर सकैं, तुम विनती भगवान ।
‘द्यानत’ प्रीति निहारकैं, कीजै आप समान ।।
© Ravindra Jain
Listen to Parshwanath Stotra (Narendran Fanindran) now!
Over 10k people are enjoying background music and other features offered by Stavan. Try them now!
Contribute to the biggest Jain's music catalog
Over 10k people from around the world contribute to creating the largest catalog of lyrics ever. How cool is that?
दान करे (Donate now)
हम पूजा, आरती, जीव दया, मंदिर निर्माण, एवं जरूरतमंदो को समय समय पर दान करते ह। आप हमसे जुड़कर इसका हिस्सा बन सकते ह।