सांसो का क्या ठिकाना | Saanson Ka Kya Thikana
Rajkumar Vinayak
Stavan
Lyrics of Saanson Ka Kya Thikana by Stavan.co
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते,
प्राणो की रौशनी भी भुज जाए चलते चलते,
जीवन है सपन जैसा दो दिन का है बसेरा,
आये गई मौत निश्चित ले जाए बचते बचते,
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते
जीवन है इक तमाशा पानी में जो बताशा,
नशवर है बून्द बून्द जो घुल जाए घुलते घुलते,
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते
आएगा एक झोका जीवन का दीप है गुल,
पेड़ो पे चेह चहाती निष् पंथ है ये बुलबुल,
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते,
कितने ही घर वसाये कितने ही घर उजाड़े,
साई रहा न रही सवासो के घटते घटते,
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते,
अरमान लम्बे बांधे टूटे न तार सारे,
अंतिम समय में सब ही रहे हाथ मलते मलते,
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते
आया था हाथ खाली खाली ही हाथ जाना,
परिवार और प्रिये जन रह जाए रोते रोते,
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते
स्वासो के ही सहारे जीवन के खेल सारे,
सांसो का ये पिटारा झुक जाए झुकते झुकते,
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते
संवासो के तार सारे प्रभु नाम के सहारे,
बांधे गे अमर नर मर जाए हस्ते हस्ते,
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते
सुख पुरण स्वर अवसर बे मुख यु न खोये,
बिक्शन भमर से तर जा प्रभु नाम रट ते रट ते,
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते
© Yuki Audio
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