वन्दे शासन | Vande Shashan Children
Sweta Gandhi | Various Artist
Jin Shashan | Stavan
Lyrics of Vande Shashan Children by Stavan.co
वन्दे शासन, वन्दे शासन ।।
वन्दन इस शासन को,
जन्में हैं ऐसे सितारें,
इनके गुणों को,
हम भी अपने दिल में उतारें।।
वन्दे शासन, वन्दे शासन ।।
चण्डकौशिक ने डंक लगाया
प्रभु वीर को क्रोध न आया
चण्डकौशिक ने डंक लगाया
बही दुध की अमृत धारा
बुज्झ बुज्झ चण्डकौशिक कहकर,
क्षमा का महत्व समझाया ।
वन्दे शासन, वन्दे शासन ।।
संगम ने खीर बनवाई,
फिर उसने क्यूँ नहीं खाई?
संगम ने खीर बनवाई
फिर मुनीवर को वोहराई
शुद्ध भावों के परिणाम से
शालीभद्र की ऋद्धि पाई।।
वन्दे शासन, वन्दे शासन ।।
राजुल थी राजकुमारी,
फिर क्यूँ बनी वो वैरागी?
राजुल थी राजकुमारी
नेमजी से प्रीत पुरानी
पशुओं के रूदन से मुख मोड़ा
राजुल को वैराग्य से जोडा।
वन्दे शासन, वन्दे शासन ।।
बन ब्राहमण इन्द्रभूती
आए जीतने वीर प्रभु को
नम्र भाव से नतमस्तक हो
इन्द्रभूति समर्पित प्रभु को
वीतरागता देख प्रभु की
पाई शिष्य बन गणधर पदवी
वन्दे शासन, वन्दे शासन ।।
भद्रा माँ ने अमर कुमार को
क्यूँ बेचा था राजा को?
चित्रशाला का द्वार न टूटे
बेचा था बलि चढ़ाने
थी श्रद्धा नवकार मन्त्र पे
सूली का बना सिंहासन ।
वन्दे शासन, वन्दे शासन ।।
© Sweta Gandhi
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