Stavan
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Pracheen Shri 1008 Parshvnath Digamber Jain Mandir, Palganj, District-Giridih (Jharkhand) image 1
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Pracheen Shri 1008 Parshvnath Digamber Jain Mandir, Palganj, District-Giridih (Jharkhand)

Palganj, Giridih, JHARKHAND

Temple History

पालगंज में एक दिगंबर जैन मंदिर है जिसमें मूलनायक भगवान (मुख्य देवता) के रूप में पद्मासन मुद्रा में बाल ब्र. तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ भगवान की एक प्राचीन मूर्ति है। इस मंदिर जी में पूजन अभिषेक आदि समस्त क्रियाएं दिगंबर जैन परंपरा के अनुसार काफ़ी प्राचीन समय से की जा रही हैं। मंदिर का जीर्णोद्धार दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र समिति द्वारा किया गया था और जीर्णोद्धार का कार्य 15 दिसंबर 1970 को पूरा हुआ था। मूलनायक प्रतिमा तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ भगवान की पद्मासन में है जो लगभग 3 फीट ऊंची मूर्ति है। स्थान - पालगंज झारखंड राज्य के जिला केंद्र शाश्वत सिद्ध क्षेत्र श्री सम्मेद शिखरजी से 25 किलोमीटर और गिरिडीह से 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हालांकि ग्राम पालगंज में अभी कोई जैन समाज नहीं है। परंतु इसका गौरवशाली अतीत, इस क्षेत्र की प्राचीनता का जैन धर्म के साथ संबंध का जीता जागता उदाहरण पेश करता है। इतिहासकारों के अनुसार मूर्ति 2,500 वर्ष से अधिक पुरानी है उन्होंने मूर्ति को लगभग चौथी शताब्दी ई.पू. का बताया है।  यह दिगंबर जैन जिनालय है जिसमें दिगंबर जैन समाज द्वारा इस मूर्ति का बड़ी ही भक्तिभाव से पूजन और अभिषेक किया जाता है।  पृष्ठभूमि में उकेरे गए सांपों के सात फनों के आधार पर मूर्ति को भगवान पार्श्वनाथ के रूप में पहचाना गया है। आंखों को ध्यानस्थ मुद्रा (ध्यान में गहरे) में खूबसूरती से उकेरा गया है। मूर्ति की सुंदरता. मूर्ति एक आसन के ऊपर एक गलीचे पर विराजमान है जिस पर दो सुंदर शेरों की नक्काशी की गई है। मूर्ति के पिछले हिस्से पर फन से जुड़े हुए सर्पों की आकृति उकेरी गई है। मूर्ति के दोनों तरफ इंद्र की नक्काशी हैं, जिसके नीचे भगवान का सम्मान करते हुए घुटने टेकने की स्थिति में दिव्य मूर्तियों को उकेरा गया है। दिव्य नक्काशी के नीचे, आसन के बायीं और दायीं ओर यक्ष (धरणेंद्र) और यक्षिणी (पद्मावती देवी) की छोटी मूर्तियाँ उकेरी गई हैं। इन्द्रों के ऊपर 18 तीर्थंकरों की छोटी-छोटी मूर्तियाँ (प्रत्येक पंक्ति में 3, दोनों ओर 9) उत्कीर्ण की गई हैं, जिनके ऊपर दिव्य यंत्र लिए हाथियों की मूर्तियाँ (हाथों में वाद्ययंत्र और पुष्प मालाएँ लिए हुए) उत्कीर्ण की गई हैं। इन नक्काशियों के ऊपर 6 तीर्थंकरों की शेष मूर्तियां (प्रत्येक तरफ 3) उकेरी गई हैं जिनके ऊपर छत्र (दिव्य तीन परत वाली छतरी) और अशोकवृक्ष उकेरे गए हैं। इस तरह इस अद्भुत मूर्ति की नक्काशी को देख कर लगता है, यह मूर्ति अपने आप में एक अतिशय है। यह दिगंबर जैन मंदिर अपने आप में ही अद्भुत महिमा लिए हुए हैं आप कभी भी सम्मेद शिखरजी पधारें तो इस भव्य दिंगबर जैन मन्दिर जी के दर्शन करना ना भूलें

Temple Category

Digamber Temple

Temple Timings

Morning Hours

Morning: 5:30 AM - 11:30 AM

Evening Hours

Evening: 6

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How to Reach

By Train

Train: – Parasnath Railway Station

By Air

Airport: –Birsa Munda Airport, Ranchi

Location on Map

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