Stavan
Stavan
Shri 1008 Munisuvratnath Jinalaya, Jasoda, District - Sagar (Madhya Pradesh) image 1
1
Shri 1008 Munisuvratnath Jinalaya, Jasoda, District - Sagar (Madhya Pradesh) image 2
2
Shri 1008 Munisuvratnath Jinalaya, Jasoda, District - Sagar (Madhya Pradesh) image 3
3
Shri 1008 Munisuvratnath Jinalaya, Jasoda, District - Sagar (Madhya Pradesh) image 4
4
Shri 1008 Munisuvratnath Jinalaya, Jasoda, District - Sagar (Madhya Pradesh) image 5
5
Shri 1008 Munisuvratnath Jinalaya, Jasoda, District - Sagar (Madhya Pradesh) image 6
6

Shri 1008 Munisuvratnath Jinalaya, Jasoda, District - Sagar (Madhya Pradesh)

Jasoda, Sagar, MADHYA PRADESH

Temple History

Digamber Jain Temple in Jasoda, Sagar श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ अतिशय क्षेत्र जासोडा जी स्थित जैन मंदिर एवं नदी से प्राप्त जैन प्रीतिमा का इतिहास: जासोडा ग्राम मध्यप्रदेश के सागर जिले शाहगढ़ तहशील में स्थित है| यह ग्राम उत्तरप्रदेश सीमा से लगा हुआ है । जासोडा सागर से 66 किलोमीटर की दूरी पर है। जासोडा एक छोटा सा गांव है। यहाँ 18 वी शती ईसवी का भव्य जैन मंदिर है। इस मंदिर की ऊंचाई धरातल से लगभग 80 फुट ऊपर है । मंदिर का शिखर रेखा नागर शेली का है। इसका प्रवेश द्वार मराठा शैली का मेंहराबमुना है। यह ।मंदिर वनोनिया बंश द्वारा बनबाया गया था। मंदिर जी मे श्री 1008 मूलनायक भगवान महावीर स्वामी की भव्य चमत्कारी प्रीतिमा लाल पाषाण पर निर्मित है। मूलनायक भगवान महावीर स्वामी की प्रितिमा पर संवत 1660 का लेख है। गर्वग्रह में मुलनायक महावीर भगवान के अतिरिक्त स्वेत पाषाण की श्री 1008 सुपार्श्वनाथ भगवान की एक प्रितिमा है। इसके अतिरिक्त अन्य अष्ट धातु की प्रितिमा है। इस मंदिर में 1008 सुपार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा बहुत प्राचीन है। इस प्रितिमा पर संवत 1447 की तिथी है। जासोडा में बर्तमान में अभी 3 घर की जैन समाज है। जासोडा में पहले 25 घर की जैन समाज थी जो अधिकांश सागर,बंडा,टीकमगढ़, बरायठा में निवास करने लगे है।  जासोडा में आचार्य चंद्रसागर महराज की जन्मस्थली भी है। जासोडा ग्राम के पास सुंदर एवं प्राकृतिक वातावरण से युक्त धसान नदी बहती है जो मंदिर जी से 1 किलोमीटर की दूरी पर है। सन 8 जून 2013 दिन रविवार करीब 12.30 बजे धसान नदी में पहली बारिश का बहाव आया जिसमे एक उछलती हुई प्रितिमा दिखाई दी । प्रितिमा स्थानीय युवक फुंन्दी पटेल को दिखाई दी। फुंन्दी पटेल ने मंदिर जी मे सूचना दी कि नदी में मुझे जैन मूर्ति दिखाई दी। जिसके तुरंत बाद जसोडा, बरायठा,गिरार,किशनपुरा, रामटोरिया,शाहगढ़ और भी जैन समाज व अन्य समाज एकत्रित हो गई। प्रीतिमा पदमासन अवस्था मे मिली। प्रितिमा की पादपीठ पर कछुआ का चिन्ह देखा गया।  जिससे यह स्पष्ठ हुआ कि यह बीसबे तीर्थंकर श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ भगवान की प्रितिमा है जिसके बाद हजारो की जनसंख्या की बीच प्रितिमा को जसोडा जी जैन मंदिर लाया गया। इस प्रितिमा की प्रितिस्ठा हो गई है। अतः आप ऐसे अतिशयकारी क्षेत्र के दर्शन कर पुण्यार्जक बने वा क्षेत्र विकाश में अपनी सहभागिता जरूर बनाये   स्थान- श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ अतिशय क्षेत्र जासोडा जी  तहशील - शाहगढ़ जिला सागर(म.प्र.)  बरायठा से दूरी 06 किलोमीटर, सागर से दूरी 70 किलोमीटर, टीकमगढ़ से दूरी 65 किलोमीटर ,ललितपुर (उ. प्र.) से दूरी 85 किलोमीटर,   श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ अतिशय क्षेत्र जासोडा जी में क्षेत्र और क्षेत्र निर्माण के लिए आप अपना अपना सहयोग अवस्य प्रदान करें।   Bank Name-मध्याचल ग्रामीण बैंक बरायठा Name- श्री श्री 1008 दिगम्बर जैन मंदिर जी महावीर जिनालय जासोडा जी Account no.-8004810242 Ifce code- SBIN0RRMBGB   कमलकांत चौधरी सागर अध्यक्ष प्रकाश जैन (पप्पन) बरायठा मंत्री 9755527407 धनप्रसाद जैन जसोडा बाले बरायठा कोषाध्यक्ष 9685213135 आभार : श्री सचिन जैन, बड़ौत

Temple Category

Digamber Temple

Temple Timings

Morning Hours

Morning: 5:30 AM - 11:30 AM

Evening Hours

Evening: 5:30 PM - 8:30 PM

Plan Your Visit

How to Reach

By Train

Train: Sagar Railway Station

By Air

Air: Bhopal Airport

Location on Map

Charity Event 1Charity Event 2Charity Event 3Charity Event 3

दान करे (Donate now)

हम पूजा, आरती, जीव दया, मंदिर निर्माण, एवं जरूरतमंदो को समय समय पर दान करते ह। आप हमसे जुड़कर इसका हिस्सा बन सकते ह।