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Shri 1008 Parshvnath Digamber Jain Mandir, Langur Gali, Hajiganj, Patna (Bihar)

Hajiganj, Patna, BIHAR

Temple History

Digamber Jain Temple in Hajiganj, Patna महामुनि सेठ सुदर्शन स्वामी की निर्वाण भूमि, जैन धर्म का प्राचीनतम संगम केंद्र पाटलिपुत्र की पावन धरा बिहार की राजधानी पटना में श्री मद् पंचकल्याणक महामहोत्सव का भव्यातिभव्य आयोजन पटना सिटी स्थित चौक थाना क्षेत्र के समीप कंगन घाट की भूमि पर होने जा रहा है। पावन सलिला गंगा तट पर होने वाला यह आयोजन अपने आप में ऐतिहासिक होगा। पूजा पांडाल का स्थल मनोरम और मनमोहक है। प्राकृतिक वातावरण के मध्य पवित्र गंगा तट पर स्थित है। पटना से लेकर हिमालय और बंगाल के खाड़ी तक पटना पंचकल्याणक प्रतिष्ठा की पवित्र लहर बहेगी। ज्ञात हो कि लंगूर गली अवस्थित लगभग 500 वर्ष प्राचीन मंदिर श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर का नव जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होने के बाद जिनमंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा और तीर्थंकर प्रतिमाओं की स्थापना होना है। इसी कड़ी में पंच दिवसीय पंचकल्याणक महोत्सव का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। *युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू, 14-20 अप्रैल तक होगा आयोजन* पंचकल्याणक महोत्सव की तैयारी पूरी जोर-शोर के साथ शुरू हो गई है। पूजा पांडाल के साथ साथ साधु-संतों व अतिथियों के ठहराने, भोजन के लिए व्यवस्था की जा रही है। वहीं जैन मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज व मुनि श्री अरह सागर जी महाराज संसघ दिगम्बर मुनिराजों का मंगल आगमन पटना नगर में 7-8 अप्रैल संभावित है। जो झारखंड के श्री सम्मेद शिखर जी पारसनाथ से पदयात्रा करते हुए पावापुरी तीर्थ के रास्ते पटना पहुंचेगे। उसके बाद सबसे पहले मुनि संघ कार्यक्रम स्थल का जायजा समेत सम्पूर्ण तैयारियों की रूपरेखा का अवलोकन कर सकते है। बता दें कि 14 अप्रैल को महावीर जयंती है उसी दिन मुनि प्रमाण सागर महाराज जी ने आचार्य भगवन संत शिरोमणि श्री विद्यासागर जी महाराज से दीक्षा ग्रहण की थी, जिनका 35 वां दीक्षा उत्सव पटना जैन समाज धूमधाम से मनाएगी। *पाषाण से भगवान बनाने की विधि है पंचकल्याणक* पंच कल्याणक महोत्सव के दौरान गर्भ कल्याणक, जन्म कल्याणक, दीक्षा कल्याणक, कैवल्य ज्ञान कल्याणक और मोक्ष कल्याणक मनाया जाएगा। जैन ग्रंथों के अनुसार यह वे पांच मुख्य घटनाएं हैं, जो सभी जैन तीर्थंकरों के जीवन में घटित होती हैं। गर्भ कल्याणक के दौरान तीर्थंकर प्रभु की आत्मा माता के गर्भ में आती है। जन्म कल्याणक के दौरान तीर्थंकर का जन्म होता है। दीक्षा कल्याणक के दौरान तीर्थंकर सब कुछ त्यागकर वन में जाकर मुनि दीक्षा ग्रहण करते हैं। कैवल्य ज्ञान कल्याणक के दौरान तीर्थंकर को कैवल्य की प्राप्ति होती है। वहीं, मोक्ष कल्याणक के दौरान तीर्थंकर भगवान शरीर का त्यागकर अर्थात सभी कर्म नष्ट करके निर्वाण अर्थात मोक्ष को प्राप्त करते हैं। इस दौरान जैन मुनि के मंत्रोच्चारण से पाषाण की प्रतिमा भगवान बनती है।

Temple Category

Digamber Temple

Temple Timings

Morning Hours

Morning: 5:30 AM - 11:30 AM

Evening Hours

Evening: 5:30 PM - 8:30 PM

Plan Your Visit

How to Reach

By Train

Train: Patna Junction Railway Station

By Air

Air:  Lok Nayak Jayaprakash Narayan International Airport, Patna

By Road

It is well connected with road

Location on Map

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