Stavan
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Shri 1008 Shantinath Jinalaya, Shri Digamber Jain Atishaya Kshetra, Khajuraho, District - Chhatarpur (Madhya Pradesh)

Khajuraho, Chhatarpur, MADHYA PRADESH

Temple History

खजुराहो मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है और अत्यन्त कलापूर्ण भव्य मंदिरों के कारण विश्व भर में प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र है। एक हजार वर्ष पूर्व यह चन्देलों की राजधानी था, किन्तु आज तो यह एक छोटा सा गाँव है जो खजुराहो सागर अपरनाम निनौरा ताल नामक झील से दक्षिण-पूर्वी कोने में बसा है। यह स्थान महोबा से ५५ कि.मी. दक्षिण की ओर, हरपालपुर से ९६ कि.मी. तथा छतरपुर से ४६ कि.मी. पूर्वा की ओर, सतना से १२० कि.मी. व पन्ना से ४३ कि.मी. पश्चिमोत्तर दिशा में है। इन सभी स्थानों से खजुराहो तक पक्की सड़क है और नियमित बस सेवा है। रेल से यात्रा करने वालों के लिए हावड़ा-बम्बई लाइन पर सतना स्टेशन से तथा झाँसी-मानिकपुर लाइन पर हरपालपुर और महोबा से यहाँ के लिए बसें नियमित चलती हैं। इसी प्रकार इलाहाबाद, कानपुर, झाँसी, ग्वालियर, बीना, सागर, भोपाल, जबलपुर आदि से बस द्वारा छतरपुर होते हुए खजुराहो पहुँच सकते हैं। जनश्रुति के अनुसार यहाँ ८५ मंदिर थे, किन्तु अब तो प्राचीन मंदिरों में से केवल ३० मंदिर ही विद्यमान हैं, शेष मंदिर नष्ट हो गये। यहाँ दो शिलालेख प्राप्त हुए हैं जो अस्पष्ट होने के कारण पढ़े नहीं जा सके। इनमें से एक लेख एक स्तम्भ पर उत्कीर्ण है। इसमें केवल ‘नेमिचन्द्र’ शब्द पढ़ा जा सकता है। अक्षरों की शैली से यह १० वीं शताब्दी का सिद्ध होता है। इसी प्रकार दूसरे लेख में ‘स्वस्ति श्री साधु पालना’ शब्द पढ़े जा सके हैं। सन् १८७६-७७ में यहाँ खुदाई में १३ जैन मूर्तियाँ उपलब्ध हुई थीं। गाँव के दक्षिण-पूर्व में जैन मंदिरों का समूह है। वे मंदिर एक आधुनिक चहारदीवारी से घिरे हैं। आदिनाथ, पार्श्वनाथ और शांतिनाथ मंदिरों के अतिरिक्त कई आधुनिक जैन मंदिर हैं जो प्राचीन मंदिर के ध्वंसावशेषों पर बनाये गये हैं। तीर्थंकरों की अनेक प्राचीन मूर्तियाँ मंदिर में तथा अहाते में खुले संग्रहालय के रूप में रखी हुई हैं। इनमें से कई मूर्तियों पर तिथि वाले लेख अंकित हैं। खजुराहो विख्यात पर्यटक केन्द्र है। यहाँ हजारों व्यक्ति प्राचीन भारत की कला का दर्शन करने आते हैं। अनेक जैन इस क्षेत्र के दर्शन करने और पूर्वजों के कला-प्रेम एवं कला को देखने आते हैं। यों तो यहाँ श्रेणी-१ और २ के होटल, रेस्ट हाउस, डाक-बँगला, लॉज आदि हैं जिनमें यात्री ठहरते हैं; किन्तु जैन यात्रियों की सुविधा के लिए समाज के सहयोग से यहाँ ६ धर्मशालाओं का निर्माण किया गया है। इनमें दो विभाग कर दिये गये हैं। एक तो सामान्य धर्मशाला है जिसमें यात्री नि:शुल्क ठहर सकते हैं। दूसरा विश्रान्ति-भवन, जिसमें निश्चित शुल्क देकर ठहर सकते हैं। मेला—क्षेत्र का वार्षिक मेला चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में होता है। इसी अवसर पर विधानानुसार क्षेत्र की प्रबन्ध समिति का भी चुनाव होता है। यहाँ आश्विन कृष्ण ३ को प्रतिवर्ष पालकी निकाली जाती है। यह उत्सव छतरपुर रियासत के काल से प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है। दोनों ही उत्सवों में जैन जनता बड़ी संख्या में एकत्र होती है।

Temple Category

Digamber Temple

Temple Timings

Morning Hours

Morning: 5:30 AM to Evening: 8

Evening Hours

Morning: 5:30 AM to Evening: 8

Plan Your Visit

How to Reach

By Train

Train: Khajuraho Railway Station

By Air

Air: Khajuraho Airport

Location on Map

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