Stavan
Stavan
Shri Adeshwar Swami Jain Shwetamber Mandir, Lunawa, District - Pali (Rajasthan) image 1
1
Shri Adeshwar Swami Jain Shwetamber Mandir, Lunawa, District - Pali (Rajasthan) image 2
2
Shri Adeshwar Swami Jain Shwetamber Mandir, Lunawa, District - Pali (Rajasthan) image 3
3
Shri Adeshwar Swami Jain Shwetamber Mandir, Lunawa, District - Pali (Rajasthan) image 4
4
Shri Adeshwar Swami Jain Shwetamber Mandir, Lunawa, District - Pali (Rajasthan) image 5
5
Shri Adeshwar Swami Jain Shwetamber Mandir, Lunawa, District - Pali (Rajasthan) image 6
6
Shri Adeshwar Swami Jain Shwetamber Mandir, Lunawa, District - Pali (Rajasthan) image 7
7
Shri Adeshwar Swami Jain Shwetamber Mandir, Lunawa, District - Pali (Rajasthan) image 8
8
Shri Adeshwar Swami Jain Shwetamber Mandir, Lunawa, District - Pali (Rajasthan) image 9
9
Shri Adeshwar Swami Jain Shwetamber Mandir, Lunawa, District - Pali (Rajasthan) image 10
10

Shri Adeshwar Swami Jain Shwetamber Mandir, Lunawa, District - Pali (Rajasthan)

Lunawa, Pali, RAJASTHAN

Temple History

Shwetamber Jain Temple in Lunawa, Pali गोडवाड़ के प्रवेशद्वार फालना रेलवे स्टेशन के पूर्व में १६ की.मी. और राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. १४ के सांडेराव से २८ कि.मी. दूर अरावली पहाडियो की तलहटी में पार्वती नदी के तट पर स्थित एक पुरातन नगर है ‘लुणावा’ जो चारो तरफ से नदियो से घिरा हुआ है। कहा जाता है की करीब ६०० वर्षो से भी अधीक समय पहले लुणावा ग़ाव एक की.मी. दूर पाहाडी के पास बसहा था। समय ने करवट ली और आज लुणावा ग़ाव वर्तमान जगह स्थित है। १०००० की कूल आबादी वाला यह नगर अरावली की तलहटी में है, जिससे यहां की  आबोहवा बड़ी खुशनुमा है।यहां जैनों के करीब ७५० घर है श्री आदिनाथजी मंदिर : श्री विजय वल्लभ चौक में श्रावकों के आराधना भवन के ठीक सामने किलेनुमा, विशाल परिसर से घिरा हुआ, प्रवेश द्वार पर दो विशाल गजराजो से शोभित, सुब्दर कलात्मक, छत्रियो से आकर्षक बना उत्तम द्वार, सौधशिखरी, गगन को छुत्ता कोरणीयूक्त शिखर, ऐसे चैतय में प्रथम तीर्थंकर श्री आदेश्वर भगवान की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। वर्षो पहले खोदकाम के दौरान शयाम वर्णीय श्री आदेश्वर भगवान की जिन प्रतिमा प्राप्त हुई थी, जिससे प्रेरित होकर श्री आदेश्वर्जी चौमुखी मंदिर का निर्माण हुआ। लुणावा नगर श्री सुमेरसिंहजी राजए, श्री चऊमुख जिनमंदिर में श्री ऋषभ जिनबिंबो की, श्री संघ द्वारा श्री १०८ हेमसगारजी गणी की निश्रा में वीर नि.सं. २४३९, शाके १८३५ वि.सं. १९७०, वै. शुक्ल ३, गुरूवार को आ. श्री मुनिचंद्रसूरीजी की उपस्थिति में प्रतिष्ठा संपन्न हुई। ‘जैन तीर्थ सर्वसंग्रह’ के अनुसार सं. १९६९ में प्रतिष्ठा होकर पाषण की १२ व धातु की ६ प्रतिमाए प्रतिष्ठित हुई थी। इसके पिछले भाग में भी दो छतरियो में एक-एक प्रतिमा स्थापित है। यह सभि प्रतिमाए सं. १८८१ की प्रतिष्टित है और इसमें वि.सं. १९६८ में स्थापित हुई थी। प्राचीन केसरीयानाथ चौमुखी प्रतिमा ऊपर शिखर में प्रतिष्ठित है। चौमुखिजी में और दो प्रतिमाओं की, वि.सं. १९५१ के माघ शु. ५ गुरूवार को, भट्टारक आ. श्री राज्सुरीजी के हस्ते वारकाणा तीर्थ प्रतिष्ठोत्सव पर अंजनशलाका संपन्न हुई है। प्रति वर्ष वै. सु. ३ को खिवान्दीवाला मासाजी फलाजी परिवार ध्वजा चढाते है।

Temple Category

Shwetamber Temple

Temple Timings

Morning Hours

Morning: 5:30 AM - 11:30 AM

Evening Hours

Evening: 5:30 PM - 8:30 PM

Plan Your Visit

How to Reach

By Train

Train: Falna Railway Station

By Air

Air: Udaipur Airport

Location on Map

Charity Event 1Charity Event 2Charity Event 3Charity Event 3

दान करे (Donate now)

हम पूजा, आरती, जीव दया, मंदिर निर्माण, एवं जरूरतमंदो को समय समय पर दान करते ह। आप हमसे जुड़कर इसका हिस्सा बन सकते ह।