





Shri Adishwar Bhagwan Jain Shwetamber Mandir, Janapur, District - Sirohi (Rajasthan)
Janapur, Sirohi, RAJASTHAN
Temple History
Shwetamber Jain Temple in Janapur, Sirohi श्री जनापुर तीर्थ मुलनायक - श्री आदिनाथ परमात्मा इस गाँव का नाम जनापर, जनापुर, जनापरा आदि वर्णित है।यह शिखरबंद मंदिर पिंडवाडा रेल्वे स्टेशन से ४ किलोमीटर दूर गाँव के मध्य में स्थित है। यह मंदिर ८०० वर्ष प्राचीन है। पूज्य श्री जंयतविजयजी ने अपने संवत १९८७ के अर्बुदगिरि प्रवास के समय यहाँ पर मुलगंभारे में तीन प्रतिमाओं का उल्लेख किया है और मुलनायक की प्रतिमा पर वृषभ का लांछन होने का उल्लेख किया है। एक प्रतिमा गुढ मंडप में अलग से रखी हुयी है जो एक वर्ष पहेले क़रीब संवत १९८६ सिरोही के निवासी श्री गाँधी मासिंगजी हकमाजी के घर से लाकर यहाँ के मंदिरजी में रखी है। जिस पर शिलालेख का उल्लेख भी मिलता है । जनापरग्रामस्थलेखः संवत १२९७ वर्षे श्रीरि (ऋषभदेव ।.... ( प पू जंयतविजयजी म सा लिखित अर्बुदाचल परिक्रमा जैन लेख संग्रह भाग ५ ) मंदिरजी में मुलगंभारा , गूढमंडप, नवचौकी, सभामंडप, शृंगारचौकी , शिखर और भमती और कोट वाला यह मंदिर बना हुआ है ।मंदिर प्राचीन हो ऐसा लगता है परंतु लेखादि सामग्री के अभाव से निर्माणकर्ता और कभी निर्माण हुआ उस का समय आदि की जानकारी नहीं मिल पायी है । प पू जंयतविजयजी म सा ने संवत २००४ मे प्रकाशित अर्बुदाचल परिक्रमा जैन लेख संग्रह भाग ४ में यहाँ पर जैन श्रावकों के तीन घरों का वर्णन मिलता है । जिसमें एक पोरवाल और दुसरे ओसवाल हैं । (पृष्ठ संख्या- २६ और २३४ ) श्री आनंदजी कल्याणजी पेढी की तरफ़ से संवत २००९ ,इस्वी वर्ष १९५३ मे प्रकाशित “जैन तीर्थ सर्व संग्रह” में जनापुर जिनालय का उल्लेख संघ के शिखरबंध जिनालय के रूप मे हुआ है तथा ४ पाषाण की प्रतिमाओं का उल्लेख किया गया है। जैनो की संख्या १५ बतायी है। एक धर्मशाला का भी उल्लेख है। मंदिरजी जीर्ण हालात में दर्शाया गया है।( पृष्ठ संख्या- ४३३) इस्वी सन १९५६ के वर्ष में यहाँ के रहने वाले पोरवाल जैन श्रेष्ठीवर्य श्रीमान मोतीलालजी हंसाजी का नाम का उल्लेख प्राप्त होता है। वर्तमान मंदिर की जानकारी: यह मंदिर जीर्णर्शीण होने से संपूर्ण जिनालय का जीर्णोद्धार करवा कर संवत २०७१ ,वैशाख सुद ४ के दिन दिनांक २२-०४-२०१५ बुधवार प.पू.आचार्य भगवंत श्री पूण्यरत्न सूरीश्वरजी म.सा., प.पू.आचार्य श्री यशोरत्न सूरीश्वरजी म.सा.आदि गुरुभगवंतो की पावन निश्रा में पुनः प्रतिष्ठा हर्षोल्लास पूर्वक की गई।वर्तमान में पाषाण की तीन संप्रति महाराजा के समय की तीन प्रतिमाएँ बिराजमान है जिसमे मुलनायक परमात्मा श्री आदिनाथ परमात्मा बहुत ही सुंदर परिकर के साथ (मुलनायक श्री युगादिदेव श्री आदिनाथ परमात्मा का प्राचीन परिकर खंडित हो जाने से संवत २०७१ की प्रतिष्ठा के समय नये परिकर की प्रतिष्ठा की गयी है ।)एवं दायें बायें श्री अजितनाथ परमात्मा एवं श्री शांतिनाथ परमात्मा बिराजमान है । पंचधातु के श्री शांतिनाथ एवं सिद्ध चक्रजी का गट्टा है । प्राचीन जिनालय के प्राचीन शिल्पों को भी रखा गया है जिससे जिनालय की प्राचीनता का पता लगता है।जीर्णोद्धार मे सफ़ेद मार्बल का कार्य करवाया गया है। मंदिर में नक्काशी का कार्य बहुत ही सुंदर किया हुआ है। यहां पर संघ का उपाश्रय आदि भी है। मंदिर की देखरेख पिण्डवाड़ा पेढ़ी द्वारा किया जाता है।यहाँ पर आने हेतु पिंडवाडा रूकना उचित रहेगा।पिंडवाडा में रहने एवं भोजनशाला की व्यवस्था है। जिनालय की सालगिरिह वैशाख सुद ४ को हर्षोल्लास के साथ संपन्न होती है । वर्षीतप के आराधक भी यहाँ पर आकर तप का पारणा करते हैं । वर्षगाँठ के अवसर पर श्री संघ की नवकारसी एवं भोजन की व्यवस्था पिंडवाडा स्थित मेहता वाडी में रखी जाती हैं । नज़दीकी तीर्थ: बामण्डवाडजी,सिवेरा,झाडोली,उन्द्रा,मालणु,नांदिया,लोटाणा,नाना,अजारी,पिडंवाडा,विरवाडा पेशुआ, दियाणा,कोजरा,बालदा,कोलारगढ,सिरोही आदि है । जिवन मे जरूर यहाँ पर रहे हुए प्राचीन तीर्थो के दर्शन कर के बहुत ही सुखद अनुभव होगा । मार्ग दर्शन:यह तीर्थ सिरोही रोड़ से स्वरूपगंज मार्ग पर स्थित है। पिंडवाडा रेल्वे स्टेशन से तीन किलोमीटर आगे जाने पर दांयी और एक सड़क मार्ग जनापुरा गांव तक जाता है, जो कि लगभग दो किलोमीटर की दूरी तक ग्रेवल सड़क है। झांकर गांव के दक्षिण में यह जनापुर गांव है। पुजारी: श्री गोविन्द भाई, +91 9928837262, +91 9413746800
Temple Category
Temple Timings
Morning Hours
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM
Evening Hours
Evening: 5:30 PM - 8:30 PM
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Train: Pindwara Railway Station
By Air
Air: Udaipur Airport
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