Shri Mahaveer Swami Jain Shwetamber Mandir, Kalandri, District - Sirohi (Rajasthan)
Kalandri, Sirohi, RAJASTHAN
Temple History
Shwetamber Jain Temple in Kalandri, Sirohi श्री भगवान महावीर स्वामी जी 24 जिनालय जैन मंदिर , देवनगरी कालंद्री , जिला - सिरोही , राजस्थान जैसे देवालयों , जिनालयों , शिवालयों और मंदिरों के कारण सिरोही के साथ ' देवनगरी ' शब्द जुड़ा हुआ है वैसे ही कालंद्री में मंदिरों , शिवालयों , जिनालयों , देवालयों और देव संस्कृति के कारण कालंद्री के साथ भी ' देवनगरी ' शब्द जुड़ा हुआ है । देवनगरी कालंद्री में भी अनेकानेक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर हैं और देव संस्कृति को मानने वाले लोग हैं । भगवान महावीर स्वामी जी 24 जिनालय जैन मंदिर 11 वीं सदी का है और इस मंदिर की कई मूर्तियां संप्रतिकालीन है अर्थात 2300 साल पुरानी मूर्तियां यहां मौजूद है जिनमें मूलनायक भगवान महावीर स्वामी जी की मूर्ति भी संप्रतिकालीन है । सिरोही के महान इतिहासकार और शिक्षाविद डॉक्टर सोहनलाल पटनी साहब जिनकी जन्मभूमि कालंद्री थी , ने बताया कि इस मंदिर की प्रतिष्ठा 11 वीं सदी में हुई थी जो गर्व करने वाली बात है । गर्व इस बात का भी है कि अर्बुद प्रदेश जिसके अंतर्गत जालौर , पाली , सिरोही और बनासकांठा आता है , में भगवान महावीर स्वामी जी ने जीवित काल में 7 बार विहार किया था इसलिए यह भूमि अध्यात्म की दृष्टि से बहुत खास है । इस मंदिर की संपूर्ण व्यवस्था कालंद्री जैन संघ देखता है । यहां जैन समाज के चार प्रमुख मंदिर है , जिनमे - 1.श्री भगवान महावीर स्वामी जी का 24 जिनालय जैन मंदिर । 2. श्री मुनिसुव्रत स्वामी जी का जैन मंदिर । 3. श्री नमीनाथ भगवान जी का जैन मंदिर । 4. श्री माणिभद्र जी का नवनिर्मित जैन मंदिर । मूलनायक भगवान महावीर स्वामी 24 जिनालय जैन मंदिर में प्रवेश करते ही मुख्य द्वार पर श्री अंबिका देवी मां का भव्य मंदिर है । मंदिर की मूर्तियां बहुत अद्भुत है । समालिका विहार की दुर्लभ प्रतिमा , मंदिर की 11 वीं सदी मे प्रतिष्ठा , इस मंदिर में बहुत सी जिन बिम्ब मूर्तियां संप्रतिकालीन और मूलनायक भगवान महावीर स्वामी जी की मूर्ति भी संप्रतिकालीन और यहां के खूबसूरत पटों से ऐतिहासिक जानकारी ... यह सब इस मंदिर की महिमा को बताते है । यहां श्री गौतम स्वामी जी , श्री मणिभद्रदेव जी और 24 जिनालय ( ढेरली मे ) में विभिन्न भगवानो के दर्शन होते हैं । यहां श्री गिरनार जी तीर्थ , श्री शत्रुंजय जी तीर्थ , श्री सम्मेतशिखरजी तीर्थ , श्री आबूराज जी तीर्थ और श्री अष्टापद जी तीर्थ के शानदार पट है । 25 साल पहले नवारा गांव मे श्री सुपार्श्वनाथ भगवान और श्री आदिनाथ भगवान की मूर्तियां खुदाई में मिली थी जिनको यहां स्थापित किया है और दो साल पहले कालंद्री के पुराने तालाब से श्री विमलनाथ भगवान की मूर्तियां जर्जर हालत मे निकाली गयी उनको भी यहां विराजित किया है , ये इस बात का प्रमाण है कि जैनधर्म यहां व्यापक रुप से फैला हुआ था । यहां जिनसे शुभ कार्यों शुरुआत होती है वे श्री जीरावला पार्श्वनाथ भगवान , श्री कुंथुनाथ भगवान और श्री राजगृही पंच पहाड के ऐतिहासिक पटों से और यहां की खूबसूरत पेंटिंग से यहा का नजारा मनमोहक है । मंदिर में 80 साल पहले की गई पेंटिंग आज भी नई जैसी दिखती है । इस पेंटिंग में श्री नेमिनाथ भगवान शादी करने जाते हैं लेकिन वहां हिंसा और पशुओं की बली देखकर से लौट आते हैं , को पेंटिंग मे दिखाया है ।
Temple Category
Temple Timings
Morning Hours
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM
Evening Hours
Evening: 5:30 PM - 8:30 PM
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How to Reach
By Train
Train: Pindwara Railway Station
By Air
Air: Maharana Pratap Airport, Udaipur
Location on Map
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