Shri Nakoda Parshvnath Jain Shwetamber Mandir, Sanderao, District - Pali (Rajasthan)
Sanderao, Pali, RAJASTHAN
Temple History
राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. १४ पर गोडवाड के प्रवेशद्वार फालना रेलवे स्टेशन से १२ कि.मी. दूर उत्तर-पश्चिमी में निम्बेश्वर महादेव की पहाडियों में हेकजी पहाडी की तलहटी में बसा हुआ ‘सांडेराव’ गोडवाड का एक ऐतिहासिक नगर है, जिसे प्राचीन काल में संडेरा, संडेरक, षंडेरक, खंडेरक, वृषभनगर आदि नामों से जाना जाता था। राव सांडेजी द्वारा बसाया हुआ गांव होने से इसका नाम सांडेराव पडा। कभी यह विशाल नगरी के रूप में बसा हुआ था, जिसका प्रमाण यहां विद्यमान प्राचीन जैन तीर्थ शांतिनाथ भगवान का वह मंदिर है, जो देवविमान के समान आज भी शोभायमान है। संडेरा : अनुश्रुति के अनुसार काठियावाड से लौटते समय श्री यशोभद्रसूरिजी यहां के एक तालाब के किनारे रूके, जहां एक सिंह एवं सांड के युद्ध में सांड को विजयी देखकर उन्होंने इस स्थान का नाम ‘संडेराव’ रख दिया। आ. श्री सिद्धसेनसूरि ने अपने ‘सकल तीर्थ स्त्रोत’ में तीर्थ स्थानों की सूची में ‘संडेरा’ का नाम भी दिया है। यहां पर संडेरकगच्छ के महावीर और पार्श्वनाथ के दो जैन मंदिर थे। सन् १०९२ ई. के अभिलेख के अनुसार, इस कस्बे की गोष्ठी ने संडेरकगच्छ के मंदिर में जिनचंद्र के द्वारा एक मूर्ति की स्थापना करवाई। नाडोल के चौहान शासकों ने संडेरा में जैन धर्म की गतिवियों को संरक्षण दिया। संडेरक के श्रेष्ठि गुणपाल ने अपनी पुत्रियों के साथ महावीर जैन मंदिर में, १२वीं शताब्दी में एक चतुष्किका निर्मित करवाई। यह भी ज्ञात होता है कि पोरवाल जाति के पेथड के पूर्वज भोखू संडेरक के ही मूल निवासी थे और महावीर के अनन्य उपासक थे। पेथड और उसके ६ छोटे भाइयों ने संडेरक में दो जैन मंदिर बनवाए। यह तथ्य सन् १५१४ ई. लिखित ‘अनुयोगद्वारवृति सूत्रवृत्ति’ की प्रशस्ति से ज्ञात होता है। (संदर्भ: मध्यकालीन राजस्थान में जैन धर्म पृष्ठ क्र. २१५-२१६ से) श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ मंदिर : सांडेराव के मुख्य बाजार में वल्लभ वाटिका के पास श्री मोहनलालजी ओंकारमलजी मेहता परिवार द्वारा स्वद्रव्य नवनिर्मित श्री नाकोडा पार्श्वनाथ भगवान का सुंदर जिनालय है। इसमें मूलनायक श्री नाकोडा पार्श्वनाथ सहित मुनिसुव्रत स्वामी, महावीर स्वामी आदि जिनबिंब एवं श्री विजयानंदसूरिजी, पंजाब केसरी आ. श्री वल्लभसूरिजी, आ. श्री समुद्रसूरिजी, मुनिभूषण श्री वल्लभदत्तविजयजी (फक्कड महाराज) आदि गुरुबिंब, देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की अंजनशलाका प्रतिष्ठा, आ. श्री इन्द्रदिनसूरिजी आ. ठा. के सानिध्य में, वि.सं. २०४६, मगसर सुदि ६, दि. १६.११.१९९२ को संपन्न हुई। सांडेराव में आ. श्री यशोभद्रसूरिजी की स्मृति में आ. श्री वल्लभसूरिजी ने जैन पुस्तकालय और वाचनालय की स्थापना की थी। स्थानकवासी पुस्तकालय, जीवदया चबूतरा, न्याति नोहरा, छोटी-बडी अनेक धर्मशालाओं को निर्माण हुआ।
Temple Category
Temple Timings
Morning Hours
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM
Evening Hours
Evening: 5:30 PM - 8:30 PM
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How to Reach
By Train
Train: Falna Railway Station (13 km)
By Air
Air: Jodhpur Airport
Location on Map
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