Shri Neminath Ji Jain Shwetamber Mandir, Nadol, Tehsil - Desuri, District - Pali (Rajasthan)
Nadol, Pali, RAJASTHAN
Temple History
Shwetamber Jain Temple in Nadol, Pali नेमिनाथ प्रभु के विशाल शिखरयूक्त जिनमंदिर में मुलनायक की शयामवर्णी एक हाथ बड़ी प्रतिमा आकर्षक एवं चमत्कारी है| इसकी प्रतिष्ठा १८वि शताब्दी के जिणोरद्वार के समय हुई थी| प्राचीन प्रतिमा भोयरे में है, पर किसी को मिलती नहीं| इस मंदिर का निर्माण वीर विक्रमादितय के पिता व पांडवो के वंशज महाराजा गंधर्वसेन द्वारा हुआ है| इन्होने ही इस नगर में सबसे पहले सं. ४७० में जिन चैतयालय बनवाया है| वि.सं. ७०० में आ. श्री जयानंदसूरीजी एवं उनके शिष्य श्री रविप्रभसूरीजी ने नेमिनाथ प्रभु की उत्सवपूर्वक प्रतिष्ठा कराई थी| करीब ६० वर्ष पहले भूगर्भ से प्रभु श्री आदिनाथ, पद्मप्रभु, शीतलनाथ, शांतिनाथ आदि सभी संप्रतिकालीन प्रतिमाए प्राप्त हुई, जो रंगमंडप में प्रतिष्ठित की गई है| यह मंदिर पश्चिममुखी है, जो कालांतर में परिवर्तित होकर उत्तरमुखी हो गया| इसी मंदिर में यही पर नाडोलरत्न आ. श्री मानदेवसूरीजी की योगसाधना का स्थल है, जहां बैठकर उन्होंने सदियो पूर्व “लघुशांति स्तवन ” (सोत्र) की रचना की थी| वह स्थान भूमिगत सप्तखंडा एक प्रकोष्ठ (भोयरा) है| ऐसा कहते है की यह उस भूमिगत सुरंग का द्वार है, जो नारलाई के श्री सुपार्श्वनाथ मंदिर तक बनी हुई है| इसी प्राचीन भोयरे के द्वार पर आ. श्री मानदेवसूरीजी की प्रातिमा प्रतिष्ठित है| गुरु मंदिर की प्रथम प्रतिष्ठा वीर नि. सं. २४८४, वि.सं. २०१४, मार्गशीर्ष शु. ६, बुधवार को आ. श्री समुद्रसूरीजी के वरद हस्ते संपन्न हुई, दूसरी बार वीर नि.सं. २५१७ वि.सं. २०४७ द्वि. वै. सु. १३, रविवार, दी. २६ मई १९९१ को, आ. श्री पद्मसूरीजी के हस्ते आ. श्री मानदेवसूरीजी के पास आ. श्री शांतिसूरीजी की गुरु प्रतिमा की प्रतिष्ठा संपन्न हुई| यही पर करीब १८०० वर्षो से अखंड दीप प्रज्ज्वलित है| पू. आ. श्री का साक्षात दर्शन, छ: दशक पूर्व तक अनुभव होता रहा है| बाहर बरामदे में आ. श्री के जन्म से समाधी तक के वृतचित्र बने है| कभी यह मंदिर बावन जिनालय रहा होगा | हाल में जगह खाली पड़ी है |जिणोरद्वार के समय जून अवशेष दूर कर दिए गए है| भगवान् महावीर के प्राचीन मंदिर के खंडहरो से प्राप्त तीन विशाल प्रतिमाओं को सं. २०१४ में इसी मंदिर में प्रतिष्टित की गई| अनेक मंत्रो के जानकार महान आ. श्री महेंद्रप्रतापसूरीजी ने, संवत् १२०९ में देवी वाले लक्ष्मीप्राप्ति मंत्र की रचना इसी नगर में की थी|
Temple Category
Temple Timings
Morning Hours
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM
Evening Hours
Evening: 5:30 PM - 8:30 PM
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How to Reach
By Train
Train: Rani Railway Station
By Air
Air: Jodhpur Airport
Location on Map
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