

Shri Parshvnath Digamber Jain Mandir Atishaya Kshetra, Apchand, District - Sagar (M.P.)
Apchand, Sagar, MADHYA PRADESH
Temple History
Digamber Jain Temple in Apchand, Sagar मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के सागर जिले में सागर दमोह मार्ग पर मात्र 30 से 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित है ग्राम आपचंद। जैसे ही हम मुख्य सड़क से ग्राम आपचंद की सड़क पर प्रवेश करते हैं तो देखते हैं कि पूरे रास्ते में सड़क के दोनों ओर मार्ग संकेत बोर्ड के स्थान पर आपचंद के मूलनायक पार्स्वनाथ भगवान की महिमा का गुणगान इन पर लिखा हुआ है। अजैन ग्रामीणों की जैन तीर्थंकर पर अटूट आस्था और श्रद्धा देखते ही बनती है। वैसे तो आपचंद्र एक विश्व विरासत वाला स्थान है। यहां पर विश्व धरोहर के रूप में आदिकालीन प्रसिद्ध गुफाएं एवं शैल चित्र यहां पाए जाते हैं । लेकिन यहीं पर जैन धर्म का एक ऐसा मंदिर भी है जहां का अपना एक अद्भुत इतिहास है । बताया जाता है कि आपचंद नाम के एक जैन सेठ हुआ करते थे। और उन्हीं के नाम पर इस गांव का नाम आपचंद हुआ। जब यहां इस गांव में जैन समुदाय का एक भी घर नहीं रहा तब लोगों ने इस मंदिर की सभी जैन प्रतिमाओं को बहां से कुछ किलोमीटर दूर जैन बहुल गांव के मंदिर में स्थापित कर दीं। मूर्तियों से विहीन होने के बाद मंदिर में ग्रामीणों ने भूसा,लकड़ी आदि भरना प्रारंभ कर दिया। लेकिन यह अतिशय देखा गया कि ग्रामीण रात्रि को जब भूषा और लकड़ी मंदिर जी में भर देते थे तो सुबह अपने आप भूसा और लकड़ी मंदिर जी के बाहर पाये जाते। बाद में अन्य धर्म से संबंधित भगवान की प्रतिमा भी यहां पर स्थापित की गई लेकिन अन्य धर्म की प्रतिमा भी आपने आप बेदी से नीचे पाई जाती थी। बाद में अजैन धर्मावलंबियों को भी यह स्वप्न आया कि किसी अजैन प्रतिमा को इस जैन मंदिर में स्थापित ना किया जाए। कई बर्ष ऐसे ही बीत गए l यहां के जो ग्रामीण थे उन पर तरह-तरह की आपदाएं आने लगीं। 12 वर्ष का यहां पर अकाल पड़ा और जब यहां पानी बरसता तो भारी मात्रा में ओले गिरने लगते जिससे फसलें चौपट हो जातीं। पूर्व में संपन्न रहे यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति भी दयनीय हो गई। जब सारे जतन असफल हो गए तब जाकर ग्रामीणों ने आसपास के जैन समुदाय से चर्चा की। बह दिगंवर मुनिराजों के पास गए । उन्हें दिगंबर मुनिराज ने बताया कि पूर्व में मंदिर जी की जो भी जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां हैं उन सभी मूर्तियों को बापिस मंदिर जी में स्थापित किया जाए।मुनिराज के कहने पर ग्रामीणों द्वारा उन मूर्तियों को वापस लाया गया l इसके बाद इस गांव में वापस खुशहाली आ गई l आज भी इस गांव में जैन समुदाय के घर नहीं हैं। सिर्फ एक जैन पुजारी जी यहां पर पूजन अभिषेक आदि क्रियायें करते हैं। और बाकी सारी व्यवस्थाओं में यहां के अजैन ग्रामीण अपना योगदान देते हैं। उनका मानना है कि यहां के मूलनायक भगवान के कारण उनकी समृद्धि बापिस आई हैl यहां पर आकर भगवान के दर्शन करके मन सच में एक सुखद आत्मानुभूति से भर उठता हैl यहां पर संध्याकाल में अजैन ग्रामीण महिलाओं द्वारा भक्ति भाव से संगीतमय आरती भी की जाती हैं जो अपने आप में एक सुखद आश्चर्य सा प्रतीत होता है। आप भी यहाँ पर आकार एक वार दर्शन अवश्य प्राप्त करें। Telephone: 07582 -260424 आभार : श्री सचिन जैन, बड़ौत
Temple Category
Temple Timings
Morning Hours
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM
Evening Hours
Evening: 5:30 PM - 8:30 PM
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How to Reach
By Train
Train: Sagar Railway Station
By Air
Air: Indore Airport
Location on Map
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