






Shri Parshvnath Digamber Jain Mandir Dharmodaya Tirth Kshetra, Gambheera, District-Bundi (Rajasthan)
Gambheera, Bundi, RAJASTHAN
Temple History
आचार्य धर्म सागर जी की जन्म स्थली ग्राम गंभीरा जिला बूँदी राजस्थान जो है तो छोटा सा गाँव जहाँ वर्तमान मे केवल एक जैन परिवार रहता है। पिछले लगभग 40वर्षो से आचार्य श्री की जन्म भूमि पर उनके जन्म दिवस पर कुछ भक्त गण यहाँ स्थापित मंदिर जी मे कार्य क्रम आयोजित करते आ रहे है। धीरे धीरे भक्त गणों की संख्या बदी इसके साथ ही आयोजन के रूप मे भी विस्तार हुआ। बड़ी खुशी की बात है कि यह स्थान धर्मोदय तीर्थ क्षेत्र के नाम से जाना जाने लगा। तब से लेकर यह पूरे देश मे धर्मोदय तीर्थ क्षेत्र के नाम से ही प्रसिद्ध है। आचार्य श्री की साधना और तपस्या का ही अतिशय हुआ कि इस स्थान पर एक भव्य मंदिर का निर्माण हुआ। आचार्य श्री की चरण पादुका उनके ही परम शिष्य आचार्य अमित सागर जी के सानिंद्धय मे स्थापित हुई। आज भी हर वर्ष आचार्य श्री की जन्म जयंती के अवसर पर दूर दूर के श्रावक श्राविकाये भाग लेती है। इस आयोजन के शुरुवाती दोर से आज तक अधिक से अधिक साधारण से विशाल रूप देने मे जिन श्रावकों को श्रेय जाता है उनमे नैनवाँ निवासी सेठ श्री कमल कुगुमार मारवाड़ा, श्री कमलेश जी सोगानी, श्री बाबू लाल मारवाड़ा , श्री महावीर प्रसाद बेआचार्य धर्म सागर जी की जन्म स्थली ग्राम गंभीरा जिला बूँदी राजस्थान जो है तो छोटा सा गाँव जहाँ वर्तमान मे केवल एक जैन परिवार रहता है। पिछले लगभग 40वर्षो से आचार्य श्री की जन्म भूमि पर उनके जन्म दिवस पर कुछ भक्त गण यहाँ स्थापित मंदिर जी मे कार्य क्रम आयोजित करते आ रहे है। धीरे धीरे भक्त गणों की संख्या बदी इसके साथ ही आयोजन के रूप मे भी विस्तार हुआ। बड़ी खुशी की बात है कि यह स्थान धर्मोदय तीर्थ क्षेत्र के नाम से जाना जाने लगा। तब से लेकर यह पूरे देश मे धर्मोदय तीर्थ क्षेत्र के नाम से ही प्रसिद्ध है। आचार्य श्री की साधना और तपस्या का ही अतिशय हुआ कि इस स्थान पर एक भव्य मंदिर का निर्माण हुआ। आचार्य श्री की चरण पादुका उनके ही परम शिष्य आचार्य अमित सागर जी के सानिंद्धय मे स्थापित हुई। बाद मे आचार्य वर्धमान सागर जी जी की मङ्गल प्रेरणा औरमङ्गल सानिंद्धय मे भव्य पंच कल्याण 12-16 मई 2016को आयोजित होकर मंदिर जी मे मूल नायक भगवान पार्श्व नाथ जी की महान अतिशय कारी एवम अलौकिक प्रतिमा विराजमान हुई। इस पावन भूमि धर्मोदय तीर्थ क्षेत्र पर दूर दूर के लोग बड़ी भक्ति भावना से विधान का आयोजन कर धर्म लाभ प्राप्त करते है। नैनवाँ निवासी श्री दानवीर राजेंद्र कुमार मारवाड़ा जिनका नाम दूर दूर तक प्रचारित था इस क्षेत्र के लिए समर्पित रहे। बाद मे इन्होंने गृहस्थ जीवन त्याग कर क्षुल्लक 105 संस्कार नंदी जी के रूप मे अपना वैराग्य जीवन शुरू किया। अपने अल्प वैराग्य जीवन मे भी इस क्षेत्र के लिए समर्पित रहे और 12/12/2018 को इसी धर्मोदय क्षेत्र पर ही उनका समाधि मरण हुआ। यह एक सुखद संयोग था। आज भी हर वर्ष आचार्य श्री की जन्म जयंती के अवसर पर दूर दूर के श्रावक श्राविकाये भाग लेती है। इस आयोजन के शुरुवाती दोर से आज तक अधिक से अधिक साधारण से विशाल रूप देने मे जिन श्रावकों को श्रेय जाता है उनमे नैनवाँ निवासी सेठ श्री कमल कुगुमार मारवाड़ा, श्री कमलेश जी सोगानी, श्री बाबू लाल मारवाड़ा , श्री महावीर प्रसाद बेद एवम शैलेंद्र कुमार जैन मारवाड़ा सहित पलाई उनियारा नगर फोर्ट से सूरज मल जी श्रीमाल कजोड् जी सराफ बाबू लाल जी मित्तल एवम प्रकाश जी पाटनी प्रमुख । रहे है। आप सभी से विशेष आग्रह है आचार्य श्री की जन्म स्थली की पावन भूमि को नमन करने का भाव बनाएं। यह स्थान N H 148 D कोटा जयपुर के बीच है। कोटा से 115 k m और नैनवाँ से मात्र 15k m पर स्थित है। यहीं काशपुरिया गाँव के पास ही सिंहद्वार बना हुआ है। यहाँ मात्र 3 km दूरी पर धर्मोदय तीर्थ क्षेत्र है। आभार : श्री बाबू लाल जी पाटोदी, नैनवा (Mobile No. – 8432728210)
Temple Category
Temple Timings
Morning Hours
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM
Evening Hours
Evening: 5:30 PM - 8:30 PM
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How to Reach
By Train
Train: Lakheri Railway Station
By Air
Air: Jaipur Airport
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