Shri Parshvnath Digamber Jain Mandir, Karhiya, District - Gwalior (Madhya Pradesh)
Karhiya, Gwalior, MADHYA PRADESH
Temple History
Digamber Jain Temple in Karhiya, Gwalior श्री 1008 शांतिनाथ मनहरदेव दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, मनहरदेव ग्राम - करहिया, तहसील -भितरवार, जिला - ग्वालियर (मध्यप्रदेश) पिन - 475 220 करहिया ग्राम ग्वालियर देहात (गिर्द) जिले में ग्वालियर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | एक ऐसा तीर्थ जहां 14.15 फुट ऊंची भगवान ‘शान्तिनाथ जी की प्रतिमा विराजमान थी पर जिसे सुरक्षा की नजर से सोनागिरि जी मे विराजमान कर दिया गया है। प्राचीन काल मे यहां पर गाँव की सुरक्षा के निमित्त इसके चारों ओर पक्का परकोटा (सुरक्षा प्राचीर) था, जो अब काल प्रभाव से नहीं है लेकिन उसके भग्नावशेष आज भी जहाँ-तहाँ मौजूद हैं | इस गाँव की बसाहट के समय से ही वरहिया जैन समुदाय के लोग यहाँ बड़ी संख्या में निवास करते थे, जिन्हें सभी समुदायों में आदर और बहुमान प्राप्त है | ये ही लोग यहाँ की अर्थ-व्यवस्था के वास्तविक सूत्रधार थे | यहाँ के वरहिया जैन बहुत धार्मिक, सहृदय और परम्परा निष्ठ रहे हैं | यहाँ कुम्हरिया (चौधरी व दीवान), धनोरिया, पलैया, रोंसरया प्रभृति अनेक गौत्रों के लोग परस्पर सौहार्द के साथ रहते और धर्म पालन करते थे | पार गाँव से आये कुम्हरिया लोगों ने यहाँ खुशालीराम दीवान की अटारी में अपने साथ लाई जिन प्रतिमा की प्रतिष्ठा कर एक चैत्य की स्थापना की | बाद में वृजलाल जी दीवान ने अपने पूर्वज कमल सिंह दीवान का मकान मंदिर निर्माण हेतु विक्रम संवत 1922 में वरहिया समाज को दान में दिया | वरहिया-विलास के विद्वान् लेखक पं. लेखराज वरहिया, श्रीपाल चरित के रचयिता कविवर परिमल, रविव्रत कथा ,सोनागिर पच्चीसी ,चन्द्र प्रभु पूजा इत्यादि कृतियों के प्रणेता निहाल चन्द्र वरहिया इसी गाँव के रत्न हैं जिनकी कीर्ति सभी ओर फैली है | समाजसेवी लालमणि प्रसाद जैन व क्षुल्लक पूज्यसागर (लौकिक नाम-सुनहरी लाल धनोरिया )भी इसी गाँव के निवासी हैं | यहाँ के रहने वाले दर्जनों परिवार आजीविका के सिलसिले में डबरा और ग्वालियर आकर बस गए हैं लेकिन अपनी पितृभूमि के साथ उनका जुड़ाव और लगाव आज भी गहरा है और गाँव में होने वाले धार्मिक व सामाजिक आयोजनों में उनकी पूरी भागीदारी रहती है | किंतु इस क्षेत्र पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, इस प्राचीन जैन धरोहर को पुनर्व्यवस्थित करने में गणाचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य आर. पी. यदुवंशी जैन जी की पावन प्रेरणा इस महान क्षेत्र को मिली हुई है, हाल ही में 29 मई, 2022 को भगवान श्री शांतिनाथ जी के जन्म, तप व मोक्ष कल्याणक पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया व जीर्णोद्धार की नींव रखी गयी । सम्पर्क : श्री पदमकुमार जैन, ग्राम करहिया, ग्वालियर टेलीफोन - 096303 89083, 09893103295 क्षेत्र पर पहाड़ : पहाड़ी है, 25 सीढियाँ बन गई है । 100 सीढ़ियों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। मेला एवं तिथि : चैतबदी -9 समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - सोनागिरि - 65 कि.मी., गोपाचल पर्वत (ग्वालियर) - 55 कि.मी., करहिया-6 कि.मी
Temple Category
Temple Timings
Morning Hours
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM
Evening Hours
Evening: 5:30 PM - 8:30 PM
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How to Reach
By Train
Train: Dabra Railway Station
By Air
Air: Gwalior Airport
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