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Shri Trilok Choubisi Digamber Jain Mandir, Nemawar, District-Dewas (M.P.)

Nemawar, Dewas, MADHYA PRADESH

Temple History

इस क्षेत्र का महत्व इसलिए है, क्योंकि यह स्थान प्राचीन काल में जैन संन्यासियों की तपोभूमि हुआ करता था तथा यहाँ कई भव्य मंदिर हुआ करते थे। रावण के सुत आदि कुमार, मुक्ति गए रेवातट सार। कोटि पंच अरू लाख पचास, ते बंदों धरि परम हुलास।। उक्त निर्वाण कांड के श्लोक के अनुसार रावण के पुत्र सहित साढ़े पाँच करोड़ मुनिराज नेमावर के रेवातट से मोक्ष पधारे हैं। रेवा नदी जो कि नर्मदा के नाम से भी जानी जाती है। जैन शास्त्र के अनुसार नेमावर नगरी पर प्रचीन काल में कालसंवर और उनकी रानी कनकमला राज्य करते थे। आगे जाकर यह निमावती और बाद में नेमावर हुआ। नेमावर नदी के तल से विक्रम संवत 1880 ई.पू. की तीन विशाल जैन प्रतिमाएँ निकली है। पहली 1008 भगवान आदिनाथ की मूर्ति जिन्हें नेमावर जिनालय में, दूसरी 1008 भगवान मुनिसुव्रतनाथ की मूर्ति, जिन्हें खातेगाँव के जिनालय में और 1008 भगवान शांतिनाथ की पद्‍मासनस्त मूर्ति, जिन्हें हरदा में रखा गया है। इसी कारण इस सिद्धक्षेत्र का महत्व और बढ़ गया है। जैन-तीर्थ संग्रह में मदनकीर्ति ने लिखा है कि 26 जिन तीर्थों का उल्लेख है उनमें रेवा (नर्मदा) के तीर्थ क्षेत्र का महत्व अधिक है उनका कथन है कि रेवा के जल में शांति जिनेश्वर हैं जिनकी पूजा जल देव करते हैं। इसी कारण इस सिद्ध क्षेत्र को महान तीर्थ माना जाता है। उक्त सिद्ध क्षेत्र पर भव्य निर्माण कार्य प्रगति पर है। यहाँ पर निर्माणाधीन है पंचबालवति एवं त्रिकाल चौबीस जिनालय। लगभग डेढ़ अरब की लागत से उक्त तीर्थ स्थल के निर्माण कार्य की योजना है। लगभग 60 प्रतिशत निर्मित हो चुके यहाँ के मंदिरों की भव्यता देखते ही बनती है। श्रीदिगंबर जैन रेवातट सिद्धोदय ट्रस्ट नेमावर, सिद्धक्षेत्र द्वारा उक्त निर्माण किया जा रहा है। ट्रस्ट के पास 15 एकड़ जमीन हो गई है जिसमें विश्व के अनूठे 'पंचबालयति त्रिकाल चौबीसी' जिनालय का निर्माण अहमदाबाद के शिल्पज्ञ सत्यप्रकाशजी एवं सी.बी. सोमपुरा के निर्देशन में हो हो रहा है। संपूर्ण मंदिर वं‍शी पहाड़पुर के लाल पत्थर से निर्मित हो रहा है। पूर्ण मंदिर की लम्बाई 410 फिट, चौड़ाई 325 फिट एवं शिखर की ऊँचाई 121 फिट प्रस्तावित है। जिसमें पंचबालयति जिनालय 55 गुणित 55 लम्बा-चौड़ा है। सभा मंडप 64 गुणित 65 लम्बा-चौड़ा एवं 75 फिट ऊँचा बनना है। खातेगाँव, नेमावर और हरदा के जैन श्रद्वालुओं के अनुरोध पर श्री 108 विद्यासागरजी महाराज के इस क्षेत्र में आगमन के बाद से ही इस तीर्थ क्षेत्र के विकास कार्य को प्रगति और दिशा मिली। श्रीजी के सानिध्य में ही उक्त क्षेत्र पर निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया। इंदौर से मात्र 130 कि.मी. दूर दक्षिण-पूर्व में हरदा रेलवे स्टेशन से 22 कि.मी. तथा उत्तर दिशा में खातेगाँव से 15 कि.मी. दूर पूर्व दिक्षा में स्थित है यह मंदिर। यहाँ नर्मदा नदी के जल स्तर की चौड़ाई करीब 700 मीटर है। कैसे पहुँचे :- वायु मार्ग : यहाँ से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देवी अहिल्या एयरपोर्ट, इंदौर 130 किमी की दूरी पर स्थित है।रेल मार्ग : इंदौर से मात्र 130 किमी दूर दक्षिण-पूर्व में हरदा रेलवे स्टेशन से 22 किमी तथा उत्तर दिशा में भोपाल से 170 किमी दूर पूर्व दिशा में स्थित है नेमावर। सड़क मार्ग : नेमावर पहुँचने के लिए इंदौर से बस या टैक्सी द्वारा भी जाया जा सकता है।

Temple Category

Digamber Temple

Temple Timings

Morning Hours

Morning: 5:30 AM to Evening: 8:30 PM

Evening Hours

Morning: 5:30 AM to Evening: 8:30 PM

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How to Reach

By Train

Railway Station: Harda (22 Km)

By Air

Airport:  Devi Ahilyabai Holkar Airport, Indore (130 Km)

By Road

Road: Nemawar (Dewas) is connected to other parts of M

Location on Map

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