Shri Vardhman Jain Tirth, Varman, District-Sirohi (Rajasthan)
Varman, Sirohi, RAJASTHAN
Temple History
अतिप्राचीन श्री वर्धमान जैन तीर्थ ( वरमाण ) मूलनायक श्री महावीर स्वामी भगवान मंदिर , तह० रेवदर , जिला - सिरोही , राजस्थान " सिरोही मुख्यालय से 60 किलोमीटर और रेवदर से 7 किलोमीटर वरमाण गांव मे भगवान श्री महावीर स्वामी का 900 साल पुराना मंदिर बना हुआ है । वरमाण गांव का श्री महावीर मंदिर का उल्लेख अनेक लेखों मे आता है । इस मंदिर की संपूर्ण व्यवस्था मंडार जैनसंघ द्वारा की जाती है । राजस्थान - सिरोही जिला के अंतर्गत प्रभु महावीर का मूलनाम वर्धमान स्वामी के नाम से प्रख्यात श्री वर्धमान ( वरमाण ) तीर्थ मंडार से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर आबू जाने वाले राजमार्ग पर स्थित है । प्राचीन ग्रंथों में " ब्रह्मांड " के नाम से भी इसका उल्लेख मिलता है ।* *विक्रम संवत 1242 में श्रेष्ठी पुनिंग आदी श्रावकों के द्वारा इस प्राचीन तीर्थ का श्री महावीर स्वामी परिक्रमा में श्री अजीतनाथ की देरी में पद्मशिला बनवाकर लगवाने का उल्लेख भी मिलता है । विक्रम संवत 1287 में आबू देलवाड़ा में श्री लूणवसहि मंदिर के निर्माता श्री वस्तुपाल तेजपाल द्वारा वरमाण तीर्थ में प्रतिवर्ष फाल्गुन कृष्णा पंचमी को पूजा पढ़ाने का उल्लेख देलवाड़ा के शिलालेख में मिलता है । विक्रम संवत 1446 में यहां मंदिर में रंग मंडप बनवाने का उल्लेख मिलता है । विक्रम संवत 1755 में श्री ज्ञानविमलसुरीजी द्वारा रचित ' तीर्थमाला ' में भी इस तीर्थ का उल्लेख मिलता है । *लवरमाण में 7 वीं सदी में निर्मित ब्रह्मांड स्वामी का सूर्य मंदिर है जिससे यह गांव काफी प्राचीन होने की जानकारी मिलती है क्योंकि गुप्तकाल में सूर्य देव की उपासना सिर्फ हूणों के द्वारा की जाती थी । सूर्य मंदिर से 1 किलोमीटर नदी के उस पार एक प्राचीन वटवृक्ष " कोनजी का बडला " है जो बहुत विशाल क्षेत्र मे फैला हुआ है । इसकी छांव तले पौराणिक स्तंभ , मूर्तियों के खंडहर और शेषशायी श्री विष्णु भगवान की प्रतिमा है । यहां मूलनायक भगवान महावीर स्वामी भगवान है । श्री पार्श्वनाथ भगवान , श्री सुपार्थनाथ भगवान , श्री संभवनाथ भगवान , श्री आदिनाथ भगवान , श्री वासुपूज्य भगवान , मंदिर में खड़ी अवस्था में श्री आदेश्वर भगवान , श्री सुविधिनाथ भगवान , श्री नेमिनाथ भगवान , श्री अजीतनाथ भगवान , श्री सरस्वती देवी , श्री गौतम स्वामी भगवान , श्री महावीर स्वामी भगवान की खडी प्रतिमा , मुनि श्री सीमन्धर स्वामी भगवान , श्री गौतम स्वामी भगवान , श्री पुंडरीक स्वामी भगवान , पंचांगुली देवी , श्री पद्मावती देवी , श्री अंबिका देवी आदि भगवानों की सुंदरतम मनमोहक प्रतिमाएं यहां है । कहते हैं भगवान वैसे तो सर्व व्यापक है - हरि व्यापक सर्वत्र समाना । प्रेम से प्रगट होई भगवाना ।। भगवान सभी जगह मौजूद हैं लेकिन जहां हमारे भाव जुडते हैं , जहां मन एकाग्र हो जाता है , जहां विचारों के तूफान थम जाते हैं वहां भगवान को पाना सरल हो जाता है । इसलिए भगवान को हम मूर्तियों में पाते हैं , संतों में पाते हैं और हमको भगवान के दर्शन होते हैं उनकी अनुभूति होती है । संपूर्ण परिसर साफ-सुथरा और सुव्यवस्थित है । यहां विशाल धर्मशाला जिसमें एसी / नॉन एसी कमरों की व्यवस्था , भोजनशाला साधु भगवंतों और साध्वी भगवंतों के उपाश्रय , उनके रुकने भोजन आदि की व्यवस्थाएं हैं । यहां व्यवस्थाओं के लिए व्यवस्थित कार्यालय है । स्टेट हाईवे के बिल्कुल निकट होने से इस मंदिर में हमेशा चहल-पहल रहती है । जमीन से काफी ऊंचाई पर बना हुआ यह मंदिर बहुत दूर से दिखाई देता है । हमको हमेशा इस बात पर गर्व होना चाहिए कि - जैनधर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी जी ने अपने जीवित काल मे अर्बुद प्रदेश ( सिरोही , पाली , जालोर , बनासकांठा ) का सात बार विहार किया था जो इस भूमि के लिए भी गौरव की बात है और इसलिए भगवान महावीर स्वामी को अनुभव करने के लिए इस अर्बुद भूमि पर आना ही पडता है । जैन साहित्य में यह पंक्ति बहुत प्रचलित है - " नाणा , दियाणा , नांदिया - जीवित स्वामी वांदिया " सिरोही के महान इतिहासकार और शिक्षाविद डा. श्री सोहनलाल जी पटनी और मंडार के श्री रसिक भाई कोठारी जी से प्राप्त जानकारी के अनुसार जैनों के 24 वे तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म वैशाली मगध में क्षत्रिय कुल में जन्म हुआ । वे वैशाली के राजकुमार थे । पिता का नाम सिद्धार्थ , माता का नाम त्रिशला , भाई नंदी वर्धन और उनकी पत्नी का नाम यशोदा था । 32 वर्ष की अवस्था में वे दीक्षित हुए । दीक्षित होने के 5 वर्ष पश्चात वे वैशाली के " राजकुमारत्व " को भूलने हेतु " तपस्चरण हेतु अर्बुद भूमि पधारे थे " इस तथ्य की पुष्टि मूंगथला ( प्राचीन मुण्ड-स्थल ) तहसील आबूरोड जिला सिरोही के 1369 ईस्वी के शिलालेख से होती है ।
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Morning: 5:30 AM - 11:30 AM
Evening Hours
Evening: 5:30 PM - 8:30 PM
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It is 45 km from Abu Road
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