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Mere Ghar Ke Aage Adinath

मेरे घर के आगे आदिनाथ | Mere Ghar Ke Aage Adinath

Bhakti

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Lyrics of Mere Ghar Ke Aage Adinath by Stavan.co

मेरे घर के आगे आदिनाथ तेरा मन्दिर बन जाए,

जब खिड़की खोलूँ तो तेरा दर्शन हो जाए || (2)


करू रोज़ पूजा तेरी धुप दीप जलाऊं मै, (2)

फूलों की माला से अंगिया भी रचाऊं मै, (2)

झगमग झगमग दीयों से तेरा मंदिर सज्जाए, (2)

जब खिड़की खोलूँ तो तेरा दर्शन हो जाए || (2)


जब आरती हो तेरी मुझे घंटी सुनाई दे, (2)

मुझे रोज़ सवेरे आदिनाथ तेरी सूरत दिखाई दे, (2)

जब भजन करे मिलकर रास कानों में घुलजाये, (2)

जब खिड़की खोलूँ तो तेरा दर्शन हो जाए ||


आते जाते दादा तुमको मै प्रणाम करूँ, (2)

जो मेरे लायक हो कुछ ऐसा काम करूँ, (2)

तेरी सेवा करने से मेरी किस्मत खुल जाए, (2)

जब खिड़की खोलूँ तो तेरा दर्शन हो जाए ||


नज़दीक रहेंगे तो आना जाना होगा, (2)

हम भक्तो का दादा मिलना जुलना होगा, (2)

सब साथ रहे दादा, जल्दी वो दिन आये, (2)

जब खिड़की खोलूँ तो तेरा दर्शन हो जाए ||


मेरे घर के आगे आदिनाथ तेरा मन्दिर बन जाए,

जब खिड़की खोलूँ तो तेरा दर्शन हो जाए || (2)

© Stavan.co

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