पलकें ही पलकें बिछायेंगे | Palke Hi Palke Bichhayenge
Bhakti | Stavan
Lyrics of Palke Hi Palke Bichhayenge by Stavan.co
पलकें ही पलकें हम बिछायेंगे,
जिस दिन मेरे दादा घर आएँगे.....
घर का कोना कोना, मैंने फूलों से सजाया,
तोरण हार बाँध कर, घी का दीया भी जलाया,
खुशबू ही खुशबू हम उड़ाएँगे,
जिस दिन मेरे दादा घर आएँगे......
दूध और जल से, दादा के चरण परवारूँ,
फूलों से, मैं भैरू की अँगिया रचाऊँ,
भक्तजनों को, हम बुलाएँगे,
जिस दिन मेरे दादा घर आएँगे......
अब तो एक ही लगन लगी है, प्रेम सुधा बरसा दो,
जन्म जन्म की मैली चादर, अपने रंग रंगा दो,
सभी भक्त मिल गीत गाएँगे,
जिस दिन मेरे दादा घर आएँगे.......
पलकें ही पलकें हम बिछायेंगे,
जिस दिन मेरे दादा घर आएँगे.....
© Stavan.co
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