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Akhiya Harkhan Lagi

अंखियां हरखन लागी | Akhiya Harkhan Lagi

Shivam Singh

Latest | Bhakti

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Lyrics of Akhiya Harkhan Lagi by Stavan.co

अंखियां हरखन लागी

हमारी अंखियां हरखन लागी ।। (3)

दरिशन देखत पार्श्व जिणंद को । (2)

भाग्य दशा अब जागी,

अंखियां...(2)


अकल अरूपी और अविनाशी

जगमें तूंही निरागी ।। (2)

सूरत सुंदर अचरिज एही । (2)

जग जनने करे रागी ,

अंखियां...(2)


शरणागत प्रभु ! तुज पद पंकज

सेवना मुज मति जागी ।। (2)

लीलालहेरे दे निज पदवी । (2)

तुम सम को नहीं त्यागी,

अंखियां...(2)


वामानंदन चंदननी परे

शीतल तूंही सोभागी ।। (2)

ज्ञानविमल प्रभु ध्यान धरंता । (2)

भव भय भावठ भांगी,


अंखियां हरखन लागी

हमारी अंखियां हरखन लागी ।। (2)

दरिशन देखत पार्श्व जिणंद को । (2)

भाग्य दशा अब जागी,

अंखियां...(3)

© Nandprabha Palitana Official

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