Stavan
Stavan
Jab Munivar Aate Hain

जब मुनिवर आते हैं | Jab Munivar Aate Hain

Pandit Sanjeev Jain

Antardhwani | Adhyatmik

Listen Now
Listen Now

Lyrics of Jab Munivar Aate Hain by Stavan.co

जब मुनिवर आते हैं, वैराग्य जगाते हैं।

परद्रव्यों से हमको भिन्न बताते हैं, परभावों से हमको भिन्न बताते हैं ॥


मुनिराज रहे वन में, नहिं राग करें तन में।

बारह भावना रहे, बस जिनके चिंतन में।

सिद्धों जैसा बनने, का मार्ग बताते हैं ॥ परद्रव्यों… ॥१॥


नहिं विषयों की आशा, बोले हित-मित भाषा।

परिग्रह से दूर रहें, नहिं रखते अभिलाषा।

समता और शान्ति का, वो पाठ पढ़ाते हैं ॥ परद्रव्यों… ॥२॥


अरि मित्र अरु महल मसान, निंदक या स्तुतिवान।

कोई स्तुति उतारनवान, कोई असि से करे प्रहार ।

प्रत्येक स्थिति में संभाव बढ़ाते हैं ॥ परद्रव्यों… ॥३॥


कर भव्यों पर करुणा करते श्रुत की रचना।

और अशुभ भाव से वो बस चाहते बचना।

शुद्धोपयोग का ही, पुरुषार्थ बढ़ाते हैं ॥ परद्रव्यों… ॥४॥

© Saraswati Productions

Listen to Jab Munivar Aate Hain now!

Over 10k people are enjoying background music and other features offered by Stavan. Try them now!

Similar Songs
Central Circle

Contribute to the biggest Jain's music catalog

Over 10k people from around the world contribute to creating the largest catalog of lyrics ever. How cool is that?

Charity Event 1Charity Event 2Charity Event 3Charity Event 3

दान करे (Donate now)

हम पूजा, आरती, जीव दया, मंदिर निर्माण, एवं जरूरतमंदो को समय समय पर दान करते ह। आप हमसे जुड़कर इसका हिस्सा बन सकते ह।