कभी वीर बनके | Kabhi Veer Banke
Bhakti | Stavan
Lyrics of Kabhi Veer Banke by Stavan.co
कभी वीर बनके महावीर बनके,
चले आना अंतर में बस जाना।।
तुम ऋषभ रूप में आना,
तुम अजित रूप में आना,
संभवनाथ बनके,
अभिनंदन बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना,
कभीं वीर बनकें महावीर बनके,
चले आना अंतर में बस जाना।।
तुम चंद्र रूप में आना,
तुम शीतल रूप में आना,
श्रेयांसनाथ बनके,
वासुपूज्य बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना,
कभीं वीर बनकें महावीर बनके,
चले आना अंतर में बस जाना।।
तुम विमल रूप में आना,
तुम अनंत रूप में आना,
धर्मनाथ बनके,
शांतिनाथ बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना,
कभीं वीर बनकें महावीर बनके,
चले आना अंतर में बस जाना।।
तुम कुंथु रूप में आना,
तुम अरह रूप में आना,
मल्लिनाथ बनके,
मुनिसुव्रत बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना,
कभीं वीर बनकें महावीर बनके,
चले आना अंतर में बस जाना।।
नमिनाथ रूप में आना,
नेमिनाथ रूप में आना,
पार्श्वनाथ बनके,
वर्द्धमान बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना,
कभीं वीर बनकें महावीर बनके,
चले आना अंतर में बस जाना।।
कभी वीर बनके महावीर बनके,
चले आना अंतर में बस जाना।।
© Stavan.co
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